इस अर्धचंद्र के मध्य में एक छतरीदार बड़ा गुंबद है। पत्थर पर उभरी आकृतियाँ गुंबद को चारों ओर से घेरे हुये हैं। सामने त्रि-धनुषाकार द्वार पर ऊपर की ओर संगमरमर पर उभरा हुआ राजकीय चिन्ह है। अंदरूनी कई कक्ष, गलियारे और बरामदे, आगरा एवं जयपुर से लाये गए संगमरमर से बने हैं। प्रवेश कक्ष के दोनों ही ओर संगमरमर की खूबसूरत गोलाकार सीढ़ियाँ हैं। इन सीढ़ियों की दीवारों को सुंदर चित्रकारी से सजाया गया है।
गुम्बदाकार सदन, अष्टकोणीय है और इसकी गोलाकार छत नक्काशी से सजायी गई है। छत पर थोड़े अंतराल पर बने हुये नाचते मोर इसकी अद्वितीय विशेषताएं हैं। इस कक्ष में विधान सभा की बैठकें आयोजित की जाती हैं। इस कक्ष के दोनों ओर यहाँ सदस्यों के बैठने के लिए बड़ी लॉबी हैं।