भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर को स्वर्ण मंदिर भी कहते हैं। इन्हें ही शहर का देव माना जाता है। कहते हैं यहीं पर पहले शिवलिंग की स्थापना हुई। यहीं भगवान शिव ने शिवलिंग के रूप में प्रकाश स्तंभ को प्रकट कर देवों का देव होने का गौरव हासिल किया था। गंगा और उसके घाटों के अलावा मंदिर में स्थापित शिवलिंग के प्रति श्रद्धालुओं में अगाध श्रद्धा है। यहां विदेशियों को प्रवेश करने की अनुमति नहीं है।