यह वह स्थान है जहां गंगा का मटमैला पानी यमुना के हरे पानी में मिलता है। यहीं मिलती है अदृश्य मानी जाने वाली सरस्वती नदी। वैसे तो यह अदृश्य नदी है पर माना जाता है कि यह भूगर्भ में बहती है । संगम सिविल लाइन्स से 7 किमी पर पड़ता है। इसे अकबर के किले के परकोटे से भी देखा जा सकता है।
कुंभ, अर्धकुंभ पर संगम मानो जीवंत हो उठता है। देश विदेश भर से श्रद्धालु यहां आते हैं और इसकी रौनक बढ़ाते हैं।