इस घाट के नामकरण के सन्दर्भ में स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस घाट के समीप ही विष्णु ने भक्त प्रहलाद की उसके दैत्य पिता हिरण्यकशिपु के अत्याचारो से रक्षा की थी। विष्णु भक्त प्रहलाद की तपोभूमि होने के कारण ही इस घाट का नाम प्रहलादघाट पडा।
प्रहलादघाट के बाद निषादघाट और रानीघाट घाटों की श्रंखला में आते है।