राप्ती नदी के तट पर यह स्थान सहेठ-महेठ के अवशेषों से चिन्हित है। यह प्राचीन कोसला साम्राज्य की राजधानी हुआ करती थी और बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए पवित्र स्थान माना जाता है, क्योंकि यहाँ भगवान बुद्ध ने नास्तिकों को सही दिशा दिखाने के लिए कई चमत्कार किये थे। इन चमत्कारों में बुद्ध ने अपने कई रूपों के दर्शन कराये थे। यह स्थान बौद्ध सर्किट के अंतर्गत निर्मित सड़कों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।