सत्रहवीं शताब्दी का यह किला राजा बीर सिंह ने एक पहाड़ी के ऊपर सेना के दुर्ग के तौर पर बनवाया गया था। यह किला रानी लक्ष्मीबाई के नेतृत्व में लड़ी गई लड़ाई का भी गवाह है। किले के भीतर भगवान शिव और भगवान गणेश के मंदिर भी बने हैं। प्रसिद्ध कड़क बिजली और भवानी शंकर नाम की तोप भी इस किले के अन्दर रखी हुई हैं। यहां एक संग्रहालय भी है जहां अनेक मूर्तियां हैं जो बुन्देलखण्ड के इतिहास की गौरव गाथा का प्रतीक हैं।
लेजर शो एवं लाइट एंड साउंड शो:
झाँसी किले में साउंड एण्ड लाईट शो का आयोजन कराया जाता है। यह शो रानी लक्ष्मीबाई के जीवनकाल और 1857 की आजादी की पहली लड़ाई की कहानी को दर्शाता है।
- स्थान - झाँसी किला
- समय( सायं)- 7.00 बजे से 8.00 बजे तक
- समय (रात्रि)- 8.00 बजे से 9.00 बजे तक
- टिकट - 250 रु0 / - प्रति व्यक्ति