उत्तर प्रदेश का इतिहास काफी हद तक समग्र भारत देश के इतिहास के साथ-साथ ही चला है। लगभग 4000 साल पुराना इतिहास है उत्तर प्रदेश का। अपने प्रारंभिक काल के उत्तर प्रदेश में आर्यमूल के लोग ही मुख्यतः निवास करते थे, जिनका प्रमुख व्यवसाय खेती था। धीरे-धीरे उन्होंने आस-पास के इलाकों पर विजय प्राप्त कर उन्हें भी अपने कब्ज़े में ले लिया।
इस तरह उन्होंने अपनी सभ्यता की नींव इस क्षेत्र में रखी। वे जब यहां निवास कर रहे थे उन्हीं दिनों महाभारत, रामायण और पुराण सरीखे महाकाव्य यहां लिखे गए।
यही नहीं, ये राज्य महाभारत युद्ध का भी केंद्र रहा। कहते हैं कि मथुरा में ही अयोध्या राज्य का अंग कौसल था।
फिर ईसा पूर्व पहली सदी के मध्य में उत्तर प्रदेश भगवान बुद्ध के अवतार और उनके द्वारा बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार का साक्षी बना। सारनाथ के पास धमेक स्तूप में जब भगवान बुद्ध ने अपना पहला प्रवचन दिया, तब उत्तर प्रदेश पर मगध शासन हुआ करता था। यहीं का चौखंडी स्तूप वह जगह है जहां भगवान बुद्ध अपने शिष्यों से पहली बार मिले थे।