भारतीय लोग एक बड़ी संख्या में 19 वीं सदी के अंतिम दशक में और 20 वीं सदी के पहले दशक में विभिन्न राष्ट्रमंडल देशों जैसे दक्षिण अफ्रीका, वेस्ट इंडीज, मॉरीशस, फिजी चले गए। उनमें से अधिकांश विशेष रूप से पूर्वी उत्तर प्रदेश से हैं। इन परिवारों के वंशजों को भारतीय संस्कृति और परंपरा से एक गहरा लगाव है। इसी तरह भारतीयों की एक अच्छी संख्या इंग्लैंड, अमेरिका और कुछ अन्य यूरोपीय देशों के लिए चली गई और वहां की नागरिकता प्राप्त की।
वे हमेशा अपने पूर्वजों की मातृभूमि को देखने के लिए, अपनी विरासत से रूबरू होने के लिए तथा भारत की वर्तमान जीवन स्थितियों को देखने के लिए लालायित रहते हैं | वे विशेष रूप से उन स्थानों को देखने के लिए भी उत्सुक रहते हैं जहां उनके पूर्वज अपने प्रवास से पहले रहा करते थे |
पर्यटन विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा एक अनूठी योजना "अपनी जड़ों की खोज " प्रारंभ की गई है जिसके तहत विभाग उन अनिवासी भारतीयों एवं अन्यों से आवेदन पर ,जिनके पूर्वज कभी उत्तर प्रदेश में निवास / काम करते रहे हों, उनकी जड़ों को खोज निकालने का पूरा प्रयत्न करेगा | लगभग 10 लाख से अधिक भारतीय मूल के लोग मारीशस, फ़िजी, ट्रिनिडाड एण्ड टोबैगो और अन्य राष्ट्रमंडल देशों में निवास करते हैं जिनके पूर्वज 19वीं शताब्दी के अंत या 20वीं शताब्दी के प्रारम्भ में प्रवास कर गए थे | इन लोगों में से अधिकतर उत्तर प्रदेश और विशेषकर पूर्वी उत्तर प्रदेश से हैं |
उत्तर प्रदेश सरकार ने पायलट प्रोजेक्ट के रूप में बलिया जिले को चुना और वहाँ एक कार्यालय स्थापित किया गया था। फील्ड पर्यवेक्षकों ने वे गांव-गांव का दौरा किया और अनिवासी भारतीयों के बारे में सूचना एकत्र की। लेखपाल, ग्राम प्रधान और गांव के महत्वपूर्ण व्यक्तियों से बातचीत की। जिला बलिया के बारे में 56 निवासियों, जो त्रिनिदाद के लिए चले गए, उनके धर्म, गांव और वर्ष की सूचना एकत्र की गयी इन व्यक्तियों से संबंधित राजस्व अभिलेखों में भी छानबीन की गई है। आज तक ठोस प्रयास के साथ 17 व्यक्तियों की जड़ों के बारे में पता लगाया गया है। वे इस प्रकार हैं:-
नियम और विनियम
- प्रवासियों के स्रोत का पता लगाने का कार्य U.P.S.T.D.C. Ltd. लखनऊ के पक्ष में खोज शुल्क $150 के बैंक ड्राफ्ट के प्राप्ति के बाद ही प्रारम्भ किया जाएगा |
- तीन महीने के समय की एक न्यूनतम अवधि खोज का संचालन करने के लिए आवश्यक है।
- खोज में असफल रहने पर शुल्क का 50% अर्थात 75 अमेरिकी डालर, हमारे द्वारा खोजे गए विवरण के साथ लौटा दिया जाएगा |
- हम आप की मदद कर सकते हैं यदि आपके पूर्वजों ने ऐसे किसी स्थान से विस्थापन किया हो जो उत्तर प्रदेश राज्य की भौगोलिक सीमा के अंतर्गत हो |
हमें लिखें
महानिदेशक उत्तर प्रदेश पर्यटन,
राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन पर्यटन भवन, सी-13 विपिन खंड,
गोमती नगर, लखनऊ-226010 उत्तर प्रदेश, भारत।
फैक्स: 91-522-2308937
ई-मेल: upstdc@bsnl.in, upstdc@up-tourism.com, yatrup@bsnl.in