इस्कॉन (द इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कांशसनेस)
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पहली नज़र में सम्मोहित कर देने वाली इस्कॉन की संगमरमरी इमारत श्री कृष्ण-बलराम मंदिर के नाम से भी जानी जाती है। रमन रेती इलाके में भक्तिवेदांता स्वामी मार्ग पर स्थित इस मंदिर का निर्माण 1975 में हुआ था।
मंदिर के गर्भ-गृह तक पहुंचने के लिए एक वर्गाकार दालान पार करना पड़ता है। इसके किनारे जाते गलियारे में खंबों पर कृष्ण के जीवन को सामने लाते म्यूरल्स लगे हैं। कहते हैं कि इसके आंगन में लगे तमाल के पेड़ के नीचे राधा हर शाम कृष्ण का इंतज़ार करती थीं।
कृष्ण भक्त इस्कॉन मंदिर में बैठ कर भजन गाते हैं। हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे-आरती देखने वाली होती है। ढोलक और मंजीरों की धुन पर आरती का समां मंत्रमुग्ध करने वाला होता है। इसी इमारत में इस्कॉन का कम्युनिटी हॉल भी है, जहां कृष्ण भक्ति पर सेमिनार और व्याख्यान होते हैं। इसके अलावा टूरिस्ट इंफॉर्मेशन सेंटर, एक रेस्त्रां-गेस्ट हाउस भी यहाँ मौजूद है। मंदिर के बगल में ही इस्कॉन प्रवर्तक श्री प्रभुपद की सफेद संगमरमर से बनी समाधि भी स्थित है।
समय गर्मियों में : ( 4:30 प्रातः से 12:45, 4:30 सायं से 8:00 सायं)
समय सर्दियों में : ( 4:30 प्रातः से 1:00 प्रातः, 4:00 सायं से 8:15 सायं)