श्री दिगंबर जैन बड़ा मंदिर, हस्तिनापुर में सबसे बड़ा जैन मंदिर है। यहां यह मान्यता है कि प्रमुख मंदिर सन् 1801 में निर्मित किया गया था, जिसका निर्माण राजा हरसुख राय के संरक्षण में हुआ था, जो सम्राट शाह आलम II के कोषाध्यक्ष थे। प्रमुख मंदिर में मुख्य देव 16वीं जैन तीर्थांकर, श्री शांतीनाथ, पद्मासन अवस्था में विराजमान हैं। यहां पर दोनो ओर 17वें एवं 18वें तीर्थांकर, श्री कुंठुनाथ एवं श्री अरानाथ की मूर्तियां भी स्थापित है। यहां इसी परिसर में दर्जनों की संख्या में अन्य मंदिर एवं ऐतिहासिक इमारतें भी स्थापित हैं, जिनमें से ज्यादातर को 20वीं शताब्दी के बाद बनाया गया। श्री दिगंबर जैन मंदिर तीर्थ क्षेत्र समिती जैन श्रद्धालुओं के लिए बहुत सी धर्मशालाओं का भी रखरखाव कर रही है। यहां पर अन्य बहुत सी सुविधाएं हैं, जैसे डाकघर, पुलिस सब-स्टेशन, जैन गुरुकुल एवं उदासीन आश्रम। इसके अतिरिक्त यहां आसपास विभिन्न आकर्षक पर्यटक स्थल भी हैं, जैसे जल मंदिर, जैन पुस्तकालय, आचार्य विद्यानंद संग्रहालय, 24 टंक्स एवं प्राचीन निशियाजी है, जो सब प्रमुख मंदिर से कुछ दूरी पर स्थित हैं।
कैलाश पर्वत रचना हस्तिनापुर
कैलाश पर्वत एक 131 फीट ऊंची इमारत है, जिसका निर्माण श्री दिगंबर जैन मंदिर हस्तिनापुर के तत्वावधान में किया गया है। यहां पर मुख्य देव ऋषभनाथ हैं, जो प्रथम तीर्थांकर थे। अप्रैल 2006 में कैलाश पर्वत का पंच-कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव पूरा हुआ। कैलाश पर्वत परिसर में विभिन्न जैन मंदिर स्थापित, हैं, यात्री निवास, भोजनशाला, ऑडीटोरियम, हेलीपैड एवं बहुत से पर्यटक आकर्षण स्थल स्थित हैं।