महर्षि दुर्वासा तथा महर्षि अंगिरा की तपस्थली में वृंदावन मार्ग, मथुरा पर गायत्री तपोभूमि स्थित है। इसका निर्माण गायत्री परिवार के संस्थापक वेदमूर्ति, तपोनिष्ठ पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने 24–24 लाख गायत्री मंत्र जप के 24 महापुरश्चरण की पूर्णाहुति के समय सन 1953 में किया था। उन्होंने 30.05.1953 से 22.06.1953 तक 24 दिन का उपवास (मात्र गंगाजल लेकर) करके वेदमाता, देवमाता, विश्वमाता गायत्री की स्थापना एवं प्राण प्रतिष्ठा की। यह विश्व का प्रथम गायत्री मंदिर है।